VASTU GUIDELINES
*"पर्यावरण वास्तु में आकाश तत्व और कॉस्मिक एनर्जी, इनके वास्तु दोष और उन्हें दूर करने के कुछ उपाय"*
वास्तु शास्त्र में पंचतत्वों का संतुलन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इन पंचतत्वों में आकाश तत्व (Ether Element) सबसे सूक्ष्म और व्यापक तत्व है, जो कॉस्मिक एनर्जी (Cosmic Energy) से गहराई से जुड़ा हुआ है। आकाश तत्व का संतुलन सही होने पर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति बनी रहती है।
आकाश तत्व, कॉस्मिक एनर्जी का सही स्थान, ब्रह्मस्थान याने वास्तु (प्रॉपर्टी) का मध्यभाग होता है।
*आकाश तत्व (Ether Element) और इसका महत्व*
आकाश तत्व सभी तत्वों का आधार है और यह ध्वनि, कंपन (vibration), और ऊर्जाओं (energies) का वाहक है। यह हमें खुलेपन, स्वतंत्रता और असीमित संभावनाओं का अनुभव कराता है।
अगर आकाश तत्व संतुलित हो, तो –
# विचार स्पष्ट होते हैं, मानसिक शांति बनी रहती है।
# सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुचारू रूप से होता है।
# आध्यात्मिक उन्नति होती है और ध्यान-साधना में वृद्धि होती है।
*अगर आकाश तत्व असंतुलित हो, यानी यह दोष पूर्ण हो तो तो*
# नकारात्मक विचार, मानसिक तनाव और चिंता बढ़ती है।
# घर में अराजकता और पारिवारिक कलह उत्पन्न होती है।
# आर्थिक अस्थिरता और निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
*कॉस्मिक एनर्जी (Cosmic Energy) और उसका प्रभाव*
कॉस्मिक एनर्जी ब्रह्मांडीय ऊर्जा है, जो हमारे चारों ओर हर समय उपस्थित रहती है। यह ऊर्जा हमारे शरीर, मन और आत्मा को पोषण देती है। सही वास्तु संतुलन होने पर यह ऊर्जा घर में आसानी से प्रवेश कर सकती है। पुराने समय में हर घर के बीच(ब्रह्मस्थान)में आंगन होता था। जिसके मध्य में तुलसी घरौंदा होता था। तुलसी का पौधा कॉस्मिक एनर्जी के लिए एंटीना का काम करता है। यह तथ्य में लिकर एंटीना की सहायता से कई बार प्रदर्शित कर चुका हूं।
*संतुलित कॉस्मिक एनर्जी के लाभ: *
घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मानसिक तनाव कम होता है।
घर के सदस्यों के बीच प्रेम और सहयोग बढ़ता है।
*असंतुलित कॉस्मिक एनर्जी के नुकसान: *
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, जैसे – अनिद्रा, डिप्रेशन, सिरदर्द।
पारिवारिक कलह और रिश्तों में मतभेद।
आर्थिक अस्थिरता और कार्यों में बाधाएँ।
ब्रह्मस्थान और इसकी सही दिशा
ब्रह्मस्थान (Brahmasthan) का महत्व
ब्रह्मस्थान घर का सबसे ऊर्जावान स्थान होता है। यह घर के सही मध्य (Center) में स्थित होता है और इसे ब्रह्मांड की ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। यह स्थान सीधा आकाश तत्व और कॉस्मिक एनर्जी से जुड़ा होता है।
* संतुलित ब्रह्मस्थान के लाभ: *
सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में फैलती है।
घर के सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
घर में समृद्धि, सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
*ब्रह्मस्थान में वास्तु दोष और उनके प्रभाव और उन्हें दूर करने के उपाय*
ब्रह्मस्थान को खुला और साफ-सुथरा रखें।
यहाँ किसी भी प्रकार का भारी निर्माण (सीढ़ी, टॉयलेट, स्टोर रूम) न करें।
फर्श और दीवारों का रंग हल्का (सफेद, हल्का पीला, हल्का नीला) रखें।
यहाँ सूर्य देव, श्री यंत्र या मेरु यंत्र स्थापित करें, जिससे ऊर्जा प्रवाह सही रहे।
ध्यान, योग और मंत्र जाप करने के लिए यह स्थान आदर्श है, इसे ध्यान कक्ष बना सकते हैं।
यदि ब्रह्मस्थान में दोष है और उसे हटाना संभव नहीं है, तो वहाँ क्रिस्टल, रुद्राक्ष, प्रोमेक्स पिरामिड रखें। तुलसी पौधा लगाएं
यहाँ नियमित रूप से धूप, दीप जलाएँ और सकारात्मक मंत्रों का उच्चारण करें।
पर्यावरण वास्तु में आकाश तत्व और कॉस्मिक एनर्जी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ब्रह्मस्थान घर की ऊर्जा का मुख्य केंद्र होता है, इसे हल्का, खुला और ऊर्जावान रखना जरूरी है।
सही वास्तु उपाय अपनाने से घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
यदि ब्रह्मस्थान में वास्तु दोष हैं, तो उचित उपाय करके उन्हें दूर किया जा सकता है।
संतुलित आकाश तत्व और कॉस्मिक एनर्जी होने से जीवन में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है
Vikas P Deshpande
M. E. Civil, Structural
Consultant
Vastu and Feng Shui Consultant
0434681647,
deshpandevikas@gmail.com
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